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सत्य और झूठ जीवन जीने के प्रयास

🙏🕉️☸️⚛️✡️सबसे पहले सवाल उठता है क्या इतने वर्षो की तपस्या
सफल हो पाएगी, जवाब कोन देगा, क्या किसी बेवकूफी से भरे हुए  रीती रिवाज में परिवर्तन संभव है सवाल ये है की जिसे हमने यूनिवर्स का क्रिएटर माना है क्या वो क्रिऐटर हैं क्या हम उसे जानते हैं, शायद हां या जो मै जानती हूं वो सत्य कुछ और ही है, तो अब क्या करें क्योंकि शरीर हैं तो जीवन तब तक हैं जब तक जीना ही पड़ेगा अब जब समस्या कोई उत्पन्न हो तो क्या करे,
ईच्छा के अनुरूप परिणाम क्या क्रिएटर देगा या वो देना नही चाहता क्या वो बाध्य हैं मुझे उतर या मेरे मन चाहे 
फल की प्राप्ति के लिए, या जवाब और भी उसके पास हो सकते है,  मुझे जो चाहिए वो ही चाइ मम व्यक्तित्व मम कार्य प्रित्यार्थे कार्य सिद्ध यार्थे  आवाह्न करिश्ये 
मल्लिका जैन 🌟🌅💀🏵️🌕

🕉️☸️⚛️✡️The first question that arises is whether so many years of penance?
Will it be successful, who will answer, is it possible to change some foolish customs, the question is whether the one whom we have considered as the creator of the universe is the creator, do we know him, perhaps yes or what I know is the truth. If there is something else, then what to do now because if there is a body then life is there till we have to live, now what to do when any problem arises,
Will the Creator give the desired result or does He not want to give? Is He bound to come to me or as per my wish?
To get the result, or he may have other answers, I want only that, my personality, my work, my work is accomplished, my work is accomplished, I call you.
Mallika Jain 🌟🌅💀🏵️🌕

Translation types
Text translation
Hindi
Sanskrit
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🕉️☸️⚛️✡️सबसे पहले सवाल उठता है क्या इतने वर्षो की तपस्या
सफल हो पाएगी, जवाब कोन देगा, क्या किसी बेवकूफी से भरे हुए रीती रिवाज में परिवर्तन संभव है सवाल ये है की जिसे हमने यूनिवर्स का क्रिएटर माना है क्या वो क्रिऐटर हैं क्या हम उसे जानते हैं, शायद हां या जो मै जानती हूं वो सत्य कुछ और ही है, तो अब क्या करें क्योंकि शरीर हैं तो जीवन तब तक हैं जब तक जीना ही पड़ेगा अब जब समस्या कोई उत्पन्न हो तो क्या करे,
ईच्छा के अनुरूप परिणाम क्या क्रिएटर देगा या वो देना नही चाहता क्या वो बाध्य हैं मुझे उतर या मेरे मन चाहे 
फल की प्राप्ति के लिए, या जवाब और भी उसके पास हो सकते है, मुझे जो चाहिए वो ही चाइ मम व्यक्तित्व मम कार्य प्रित्यार्थे कार्य सिद्ध यार्थे आवाह्न करिश्ये 
मल्लिका जैन 🌟🌅💀🏵️🌕
🕉☸⚛✡sabase pahale savaal uthata hai kya itane varsho kee tapasya saphal ho paegee, javaab kon dega, kya kisee bevakoophee se bhare hue reetee rivaaj mein parivartan sambhav hai savaal ye hai kee jise hamane yoonivars ka krietar maana hai kya vo kriaitar hain kya ham use jaanate hain, shaayad haan ya jo mai jaanatee hoon vo saty kuchh aur hee hai, to ab kya karen kyonki shareer hain to jeevan tab tak hain jab tak jeena hee padega ab jab samasya koee utpann ho to kya kare, eechchha ke anuroop parinaam kya krietar dega ya vo dena nahee chaahata kya vo baadhy hain mujhe utar ya mere man chaahe phal kee praapti ke lie, ya javaab aur bhee usake paas ho sakate hai, mujhe jo chaahie vo hee chai mam vyaktitv mam kaary prityaarthe kaary siddh yaarthe aavaahn karishye mallika jain 🌟🌅💀🏵🌕
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🕉️☸️⚛️✡️प्रथमः प्रश्नः उत्पद्यते यत् किम् एतावन्तः वर्षाणि तपस्याः?
किं सफलं भविष्यति, कः उत्तरं दास्यति, किं केचन मूर्खाः आचाराः परिवर्तयितुं शक्यन्ते, प्रश्नः अस्ति यत् यः अस्माभिः जगतः निर्माता इति मन्तव्यः सः एव प्रजापतिः अस्ति, किं वयं तं जानीमः, कदाचित् आम् अथवा यत् अहं जानामि तत् अस्ति वा सत्यम् यदि अन्यत् किमपि अस्ति तर्हि इदानीं किं कर्तव्यं यतः यदि शरीरं अस्ति तर्हि जीवनं यावत् अस्माभिः जीवितव्यं तावत् अस्ति, अधुना यदा किमपि समस्या उत्पद्यते तदा किं कर्तव्यम्,
किं प्रजापतिः इष्टं परिणामं दास्यति वा न दातुम् इच्छति मम समीपं आगन्तुं बाध्यते वा मम इच्छानुसारम्?
परिणामं प्राप्तुं, अथवा तस्य अन्ये उत्तराणि स्युः, अहं केवलं तदेव इच्छामि, मम व्यक्तित्वं, मम कार्यं, मम कार्यं सिद्धं, मम कार्यं सिद्धं, अहं भवन्तं आह्वयामि।
मल्लिका जैन 🌟🌅💀🏵️🌕

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