धोखा किसी को भी दिया जा सकता हैं, लेकिन किस को ये लगता है कि उसे धोखा मिल रहा है, क्या आद्यात्मिक शक्ति भी कोई ले सकता हैं तो जवाब है हां यह सदियों से होता आ रहा है, जब कोई भी जो खुद समर्थ वान नही है, वह किसी की शक्तियों को ले लेते है कैसे एक तो सीधे चोरी आदि कर के या फिर जो किसी प्रकार यह बात समझ लेते है कि वे किसी को चीट कर सकते है और लगातार चीट करते है, दूसरा जब कोई किसी से प्रार्थना करता है तो क्या होता हैं, इन प्रार्थना के फलस्वरूप उसे भेंट में क्या चढ़ा न होता हैं, उस संबंधित अधिकारी प्रयोग किये जाने वाले प्रयास जो कि उस चाहे गए कार्य के उच्चतम परिणाम तक नही पहुंच पाते,तब ऐसे लोगो जो स्वयं को उच्च बनाए रखना चाहते है तो शक्ति क्या होती हैं पहले इस बात को अच्छी तरह से समझ लेते है यह सिर्फ निर्विवाद रूप से उसकी होती हैं जो इसे प्राप्त करता है लेकिन जब किन्ही वजह से वह समझ नही पाते कि हो क्या रहा है तब क्या होता हैं,तब आसानी उसके द्वारा किसी को इनका हस्तांतरण हो जाता हैं,ये ऐसा कु छ भी नही जो किसी को कोई दे सके या ले सके, ये सिर्फ इतना ही है कि प्रयोग करता स्वयम कितना सम्भवतः समझ रहा