किसी इंसान के पास जब यह छमता, हो,की वह किसी को वरदान दे सके या फिर श्राप, तो फिर उस व्यक्ति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा,साथ ही यह तथ्य भी विचार योग्य हैं,की क्या अन्य भी जो इस ताकत को जानते है,वह उन्होंने कैसे प्राप्त की,और जब पूरी तरह से इस ताकत को प्राप्त हुए लोगो को समझ में आया कि वे इस योग्य हैं,तब क्या हुआ,मतलब यह हुआ,की जन्म और मृत्यु,और इसके मध्य संसार में रहने वाले सभी वर्ग जो इस योग्य हो गए,यहां एक अजीब बात है कि,DNA स्ट्रेचर कई बार बनता और बिगड़ जाता हैं,साथ ही जिसे लोग विभिन्न जीवन प्रणाली समझ ते हैं वह सिर्फ सहायक का समूह बन जाती हैं,अब यहां बात आती हैं, शासन करता उचित हुआ तो व्यवस्था सुचारू होती हैं,यदि शाशन करता ही समझ न पाए तो व्यवस्था दोनों स्तर पर कुछ अलग ही हो जाती हैं,इस बात को वे ही समझ सकते है,जों इस योग्य हो,सब नहीं,बाकी तो सामान्य जीवन जीते हैं,साथ ही जो लोग, शासन करते है,वे हमेशा जीत ना ही चाहते है, कुछ तो इस हद पर पहुंच जाते है,की उन्हे फर्क पड़ना बंद हो जाता हैं, तो अब ये लोग करे क्या क्योंकि सब कर चूके,अब कुछ करने को बचा ही नहीं,यह जो न सिर्फ जान गया बल्कि उस