सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बुद्ध पूर्णिमा

जिन्हें हम बुध्द के नाम से जानते है, उनके उत्सव में ज्यादातर तर मानने वालों ने उसे अपनी भक्ति के अनुसार मनाया,पर सवाल ये है कि कितने लोग उन्हें सच में समझ पाते है, उन्होंने ने अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट कभी नही त्यागी और न ही किसी को ऐसे रास्ते पर चलने को कहा, बुद्ध और महावीर दोनो ही सम कालीन थे जंहा महावीर अत्यंत ही कठिन रास्ते पर चले और अपना सर्वस्व त्याग दिया वंही बुध्द ने मध्यम मार्ग को चुना,फिर भी दोनो ने कभी किसी की बुराई नही की दोनो जानते थे कि समय बदल जाता है पर, उन्होंने हमेशा मानवता का साथ दिया,बावजूद इसके की वे दोनों इस सब से परे थे,किसी मे भी  इन्वॉल्व नही थे सदैव ही पास आने वालों को सत्य बात  देते थे, और उतना ही बताते जितनी जरूरत होती, ऐसा ही एक सत्य ,,, वर्तमान बुद्ध क्या इस इस्थिति में है, जो कुछ भी बता सके तो जवाब है हा जो बुद्ध बन गया वो यह बात सकता हैं कि उसके मानने वाले क्या करें कि उन्हें वह प्राप्त हो जो वे चाहते है।।। 🌸मल्लिका जैन🌷