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फ़रवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

🙄सोच और परिवर्तन🌾2

🤔तो अब जब यह समझ आने लगता हैं कि कैसे और कन्हा क्या सभव हो सकता हैं तब क्या किया जाए, तो पुनः दोहराती हूं ये बाते सामान्य को समझने में समय लगती हैं, क्योकि कोई भी एक ऐसे वातावरण को लम्बे समय तक बनाए रखे यह कठिन क्यो बन जाता हैं वो इसलिए कि समय मे परिवर्तन औऱ उसे ठीक बनाए रखना सम्भव है, फिर भी शांत व्यवस्था को बनाए रखने की अपनी ही नीतियां होती हैं, वो क्या होती हैं चलिए आज इसे देखते है🤗 1 अच्छे स्थान पर रहना 2शिक्षा और धन का समुचित उपयोग 3 बिना स्वयम की मर्जी के किसी को ये अधिकार नही      देना की वे आपको ही अपना उपभोग बनाने लगे 4 स्वास्थ्य पूर्ण मुस्कुराहट याने जो हंसी बनावटी न हो 5यँहा उच्च को ही स्थान प्राप्त होता हैं ये सब स्नेह औऱ   अधिकार विचारों का विकसित होना, उनके लिए     समुचित प्रयास स्थापित किए जाते है 6 तो ऐसा स्थान बनाए कंहा, क्योकि उपलब्ध संसाधन     जो बनाए जाते है वे स्वयं के लिए होते है उसका अधिकार किसी को तब तक नही जब तक सामने वाला योग्य हो। 7 अब यँहा अपना राग क्या होता हैं ये भी अक्सर किन्ही के द्वारा दोष का विषय हो सकता हैं मैने स्वयं बेहतर ही बनाया तो दोश विपरीत प्

😁मिनिग ऑफ अल्टीमेट ब्लिस😀

अल्टीमेट ब्लिस मन और शरीर के साथ दिमांग का समुचित उपयोग, अब सवाल उठता है कि ऐसी इस्थिति कब बनती हैं क्या किसी रटी हुई शब्दावली या मंत्र उच्चारण से या फिर स्वयं में समझ का विकास किसी सर्वश्रेष्ठ स्तर तक हो जाने पर, ये समझ सिर्फ स्वयं के विकास की इस्थिति सर्वश्रेष्ठ बन जाने पर ही बनती हैं, प्रकृति, और खुद में समझ का विकास कैसे उत्पन्न होता हैं, ये कई तरह की स्थिति और विचार क्रम और समस्याओं के समाधान के निराकरण स्वयं से प्रप्त कर लेने पर ही बनती हैं, किसी को हानि या लाभ पहुंचाने से नही,यँहा सिर्फ सर्वश्रेष्ठ को उचित सम्मान भी अक्सर वृतालप का विषय बन जाता हैं, क्योकि जब यह समझ आ जाए कि स्वयं कौन हैं तो फिर कई बातें लगभग स्पष्ट होने लगती हैं, ये इस्थिति एक हद तक तो ऐसी है जैसे  किसी को असीमानंद की प्राप्ति हो ये साधन अत्यंत उच्च स्तर के होते है जो किसी को समझ ऐ जा सके ऐसी उपलब्ध ता निश्चित ही उपयोगी होती हैं, यँहा पर विभिन्न तरह की बातें स्पष्ट होती हैं जैसे क्या कोई देवी देवता आपके सहयोग बनते है या आपको विभिन्न तरह के आनर्गल सच्चाई का सामना करना पड़ता हैं, जो इतनी अजीबोगरीब होती हैं कि उनका

🙄सोच और परिवर्तन🌾

😀बुद्ध एक ऐसा व्यक्तित्व जो लगभग सभी बातों को जानते और समझते थे, उन्होंने ये कभी नही चाह की कोई आगे चलकर उनकी बातों का गलत मतलब निकले लेकिन फिर भी समय ने बहुत से परिवर्तन किये, महावीर और बुध्द के चिंनतन में फर्क है जंहा बुद्ध ने कई तरह से जीवन की राह को समझ कर आगे के मार्ग को प्रशस्त किया, उसे यथा संभव शारीरिक पीड़ा से दूर रखा, उन्हें दवाओं का पूर्ण ज्ञान था, ऐसा नही की महावीर को नही था, उन्हें भी था, किन्तू महावीर ने कठिन मार्ग को पसंद किया, आश्चर्य इस बात पर की फिर भी लोगो ने स्वीकार किया, तब बुद्ध ने समझ को बेहतर बनाने के लिए बताया कि जीवन कठिन नही है, पर इसमे लोक लाज का अपना स्थान है जो सामान्य के लिए मायने रखता है, इससे ही संसार मे रहने योग्य उचित व्यवहार किये जाते है, यँहा बुद्ध और महावीर की कोई तकरार नही थी, क्योको सब कुछ समझ ने बाद ही कहा भगवतो अरहतो और सम्मासम बुधस्य, 😁 इस पर आगे और लिखेंगे 😄मल्लिका जैन😁